कागज में गाड़ियों को फर्जी दौड़ा कर ले लिए लाखों का भुगतान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कागज में गाड़ियों को दौड़ा कर लाखों रुपये का भुगतान ले लिया गया। एक बोलेरो को एक ही समय में कुशीनगर व गोरखपुर जनपद में चलती दिखाकर दोनों जिलों से भुगतान लिया गया है। इसकी जांच निदेशक परिवार कल्याण कर रहे है। दोनों जिलों के एनएचएम से जुड़े जिम्मेदारों को लखनऊ बुलाकर पूछताछ कर बयान दर्ज किया गया है।
एनएचएम के तहत वर्ष 2016 में कुशीनगर सीएमओ कार्यालय में वाहन संख्या यूपी 53 सीटी 1503 बोलेरो अप्रैल व मई में चली है। इसका भुगतान 60 हजार रुपये सीएमओ कार्यालय से हुआ है। इस वाहन का गोरखपुर जनपद में भी एनएचएम के तहत उसी महीने में 60 हजार रुपये का भुगतान किया गया है।
इसकी शिकायत शासन तक पहुंची तो जांच निदेशक परिवार कल्याण बद्री विशाल को सौंप दी गई। सूत्रों की मानें तो एनएचएम घोटाले की जांच के संबंध में कुशीनगर जिले से एनएचएम के नोडल अधिकारी डॉ एसपी सिंह व पूर्व सीएमओ को लखनऊ तलब कर बयान दर्ज किया गया है। गोरखपुर सीएमओ कार्यालय से जुड़े जिम्मेदारों से भी पूछताछ की गई है। सूत्रों की मानें तो दोनों जनपदों के स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार बोलेरो भुगतान को अपने-अपने जनपद से होने की पुष्टि करते हुए अपने को सही ठहराने में जुटे हुए हैं।
दो जनपदों में एक ही बोलेरो एक समय में चलने व भुगतान की जांच निदेशक परिवार कल्याण कर रहे है। जांच पूरी होने के बाद उच्चाधिकारियों का जो आदेश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा।
डॉ सुदर्शन सोनकर, सीएमओ
वाहन हटाने के आवेदन पर क्यों नहीं छोड़ी गयी बोलेरो ?
कुशीनगए में एनआरएचएम घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में कई जिम्मेदार जेल भी गये हैं। इसके बावजूद एक के बाद एक नया मामला सामने आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जिस बोलेरो को एक ही समय में दो जनपदों में संचालित दिखाया गया है, उसे मुक्त करने के लिए संबंधित फर्म ने 13 अप्रैल 2016 को सीएमओ को एक प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर सीएमओ ने इस वाहन को अवमुक्त की कार्रवाई के लिए निर्देश दिया है। इसके बावजूद इस वाहन का पूरे अप्रैल व मई महीने में भुगतान होना जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहा है ?