संतकबीरनगर में योगी सरकार की गोआश्रय केंद्र योजना हो रही फेल
■ कागजों में चल रहा को गोआश्रय केंद्र,मामले में अधिकारी कर रहे लीपापोती
सेमरियावा,संतकवीरनगर। गोवंशीय पशुओं की सुरक्षा के साथ ही किसानों को राहत दिलाने के लिए सरकार द्वारा गोआश्रय केंद्रों को बनवाया जा है। लेकिन जिम्मेदारो की उदासीनता से इसमें भारी अनियमितता सामने आ रही है। सेमरियावां ब्लाक के ग्राम उंचहरा कला में कठिनाइवा नदी के किनारे पर ही गोआश्रय केंद्र बना दिया गया है। यहां पशु नदारद है, सिर्फ टिन शेड ही इसके अस्तित्व की गवाही दे रहा है। उंचहरा कला में डेढ़ वर्ष पहले बने गोआश्रय केंद्र का संचालन किया गया। बारिश के मौसम में यह केंद्र चारो तरफ से बरसात के पानी घिरा रहता है। यहां न तो भूसा- चारा रखने के लिए कमरे ही बने हैं और न ही नाद आदि की ठीक व्यवस्था है। पूर्व में 10 पशुओं को लाकर यहां रखा गया था। बारिश होने के बाद केंद्र में पानी भर गया तो ब्लाक कर्मियों ने इन्हें हटाकर दूसरे केंद्रों पर भेजा जो आज भी बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है। इसी प्रकार मुड़ाडीहा बेग में भी गोआश्रय केंद्र बनकर तैयार है परंतु एक भी पशु नहीं रखें जा सके। जिम्मेदारों की उदासीनता से प्रदेश सरकार की इस योजना को जिम्मेदारों द्वारा सिर्फ पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है।
डेढ़ दर्जन पशुओं की हो चुकी है मौत
सेमरियावा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जिगिना में रखे गए 77 पशुओं में चार बीमार हैं तो अब तक 10 पशुओं की मौत हो चुकी है। पिपरा कला में रखे गए 18 पशुओं में दो बीमार है,जबकि चार की मौत हो चुकी है। लहुरादेवा गौआश्रय केंद्र के 70 पशुओं में एक वीमार है,यहा भी चार दम तोड़ चुके हैं। यही हाल गरथवलिया, कुसमैनी और रायपुर छपिया के गोआश्रय केंद्रों का है। अहिरानी, करमा खान, मूडाडीहावेग, वासिन, रजापुर सरैया में आश्रय केंद्र की उपलब्धता के कारण अभी गोआश्रय केंद्र का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। पशु चिकित्साधिकारी डा.अखिलेश यादव ने कहा कि गौआश्रय केंद्रों पर रखे गए पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं दी जाती हैं। लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा पशुओं का कितना देखभाल किया जा रहा है यह तो आंकड़े में आपने देखी लिया है। फिलहाल पशु आश्रय के नाम पर जिम्मेदार लगातार घोर लापरवाही बरतने का काम कर रहे हैं और मीडिया के सवालों के जवाबों में गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे।